जुमा की नमाज के लिए शर्तें


* जब कोई सफ़र में हो तो उसपर जुमा फर्ज नहीं है।
* जब कोई आजाद हो तो उसपर जुमा फर्ज है लेकिन गुलाम पर जुमा फर्ज नहीं है।
* बीमार व्यक्ति पर भी जुमा फर्ज नहीं है।
* मर्द पर जुमा फर्ज है औरत पर जुमा फर्ज नहीं है।
*पागल और दिमागी रूप से कमजोर दिमागी बीमार व्यक्ति के लिए जुमा फर्ज नहीं है।
* बालिग व्यक्ति के लिए जुमा फर्ज है नाबालिग के लिए जुमा फर्ज नहीं है।
*अंधे व्यक्ति पर जुमा फर्ज नहीं है।
*जेल में कैद व्यक्तियों पर जुमा फर्ज नहीं है।
* जिसे हाकिम या जालिम का खौफ हो उसपर भी जुमा फर्ज नहीं है।
*बारिश या आँधी का इस क़दर ज्यादा न होना, जिससे नुक़सान का पुख्ता यकीन हो। अगर ऐसी स्थिति है तो जुमा फर्ज नहीं है।
इस सब के बावजूद लॉकडॉउन और कर्फ्यू जैसी स्थिति लगातार जारी हो तो क्या हम जुमा का नमाज ही छोड़ देंगे? नहीं! हरगिज नहीं! उस स्थिति में हम घर पर जमात के साथ खुतबा पढ़के जुमा की नमाज अदा करेंगे। इसलिए हर मोमिन को जुमा की नमाज पढ़ना और पढ़ाना दोनों आना चाहिए।
जुमा की नमाज का तरीका के लिए इस लिंक पर जाएं-
लिंक पर क्लिक करें -घर पर जुमे की नमाज पढ़ने का तरीका ।
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