कौम को बेदार रखने वाला नज्म - अल्लामा इकबाल
![]() |
खाबे गफलत में सोए हुए मोमिनों
खाबे गफलत.....
ख़ाबे गफलत में सोए हुए मोमिनों
ऐशो इशरत बढ़ाने से क्या फायदा?।।
आंख खोलो उठो याद रब को करो,
आंख खोलो सुनो जिक्र हक का सुनो
आंख खोलो चलो राहे हक में चलो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा।
ख़ाबे गफलत में सोए हुए मोमिनों
ऐशो इशरत बढ़ाने से क्या फायदा?।।
कि$ अपने रब को जवानी में भुला है तू।।
और ताकत के बूते से फुला है तू।।
जब जवानी ढलेगी तो पछताएगा।।
फिर यूं रोने रुलाने से क्या फायदा।
आंख खोलो उठो याद रब को करो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा?
था हकुमत का फिरौन को भी नशा।।
जुल्म पर जुल्म खलकत पर करता रहा।।
जब समंदर में डूबा तो कहने लगा।।
के इस हकुमत के पाने से क्या फायदा?
आंख खोलो उठो याद रब को करो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा?
कि कितना मशहूर किस्सा है सद्दाद का।।
रूह जब उसके तन से निकाली गई।।
मरता मरता भी लोगों से कहता गया।।
ऐसी जन्नत बनाने से क्या फायदा?
आंख खोलो उठो याद रब को करो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा?
मालदारी में मशहूर कारुन था।।
वो मुखालिफ था मूसा व हारून का।।
जब जमीं में धंसाया तो कहने लगा।।
ऐसे बेजा खजाने से क्या फायदा?
आंख खोलो उठो याद रब को करो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा?
काबिले जिक्र किस्सा है नमरूद का।।
वो इनकार करता था माबुद का।।
उसका मग एक मच्छर ने खा कर कहा।।
यूं बड़ाई जताने से क्या फायदा?
आंख खोलो उठो याद रब को करो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा?
के अपनी शोहरत पे मोहसिन न तू यूं मचल।।
एक दिन आ दबोचेगी तुझको अजल।।
रूह को साफ कर नेक आमाल कर
नेक अमाल कर रूह को साफ कर।
सिर्फ जाहिर बनाने से क्या फायदा?
आंख खोलो उठो याद रब को करो।
उम्र यूं ही गवांने से क्या फायदा?
ख़ाबे गफलत में सोए हुए मोमिनों
ऐशो इशरत बढ़ाने से क्या फायदा?।।
- अल्लामा इकबाल
No comments:
Post a Comment
Please do not enter any spam link in comment box.