नमाज के दौरान हाथ से इशारा कर सकते हैं या नहीं?
उम्मे सलमा रजि. से रिवायत है उन्होंने फरमाया कि नबी ﷺ से सुना कि आप असर के बाद नमाज पढ़ने से मना करते थे, फिर मैने आपको नमाज पढ़ते हुए देखा। उस वक्त मेरे पास अंसारी औरतें बैठी थीं। मैने उनमें से एक लड़की को आपके पास भेजा और उससे कहा आपके पहलू में खड़े होकर करना कि उम्मे सलमा रजि. मालूम करती हैं कि ऐ अल्लाह के रसूलुल्लाह सल्लाहो अलैहे वसल्लम! मैने आपको इन दो रकअतों से मना फरमाते सुना है, जबकि मैं आपको देखती हूं कि आप दो रकअतें पढ़ रहे हैं। अगर रसूलुल्लाह सल्लाहो अलैहे वसल्लम अपने हाथ से तुम्हारी तरफ इशारा करें तो पीछे हट जाना। उस लड़की ने ऐसा ही किया। आपने अपने हाथ से इशारा फरमाया तो वह पीछे हट गई। फिर आपने नमाज से फारिग होकर फरमाया,' ऐ अबू उमय्या की बेटी! तुमने असर के बाद दो रकअतें पढ़ने के बारे में पूछा तो बात दरअसल यह है कि कबीला अब्दुल कैस के कुछ लोग मेरे पास आए थे, जिन्होंने जुहर के बाद दो रकअतों में मुझे देर करा दी थी तो यह वही दो रकअतें हैं।( यह नफ्ल नहीं हैं)
इससे यह मालूम हुआ कि नमाज में किसी बात सुनने और समझने से नमाज में कोई खराबी नहीं आती।
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