बुरा खयाल या वसवासा दूर करना हो।
इंसान जब तन्हाई में होता है तो उसके जेहन में बहुत से खयाल आते हैं। कुछ एक इंसान तन्हाई में कुछ अच्छा सोचते हैं और अपनी या किसी दूसरे की समस्या का हल ढूंढ लेते हैं तो कुछ एक इंसान अपनी सोच और खयाल की वजह से अपने और दूसरों के लिए मुसीबत मोल लेते हैं। याद रहे तनहाई में बुरे खयालात या किसी के लिए बुरा करने के सोचने पर भी अल्लाह की तरफ से पकड़ होगी। इसलिए तन्हाई में रहें तो अच्छे और नेक खयाल को ही दिल में आने दें।
जब दिल में बुरे खयाल आएं या दिल में वसवसे उठने शुरू हों तो इन आयतों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ें
رَّبِّ أَعُوذُ بِكَ مِنْ هَمَزَاتِ الشَّيَاطِينِ
وَأَعُوذُ بِكَ رَبِّ أَن يَحْضُرُونِ
रब्बी अऊजुबिक मिन हमजातिश्शयातीन•व अऊजुबिक रब्बि अंय्यहजुरून•
Rabbi A-u-jubik min ham jatisshyateen. A-u-jubik rabbi anyyahajurun
"ऐ मेरे रब! मैं शैतान की उकसाहटों से तेरी पनाह चाहता हूँ
और मेरे रब! मैं इससे भी तेरी पनाह चाहता हूँ कि वे मेरे पास आएँ।
(Quran: Surah Name: المؤمنون Verse: 97,98)
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